सूरज

सूरज

Friday, May 18, 2007

Sharma Says...

पूर्णरूपेण अिहंसक नहीं हुआ जा सकता ‌
भगवान् कृष्ण ने स्वयम कहा था --"जहाँ शांित और अिहंसा से कार्य हो, वहाँ िहंसा और युद्घ आवश्यक हैं

But question is , how much tolerant you are, The degree of tolerance decides our level of non-violence.
---SURAJ

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