नव वर्ष के शुभागमन पर ,
आइए नव युग बनाएँ ,
नई सोच पर आगे चलकर ,
भारत को जग सिर मौर बनाएँ ।
कुछ सीखें हम पिछली भूलों से ,
गुलिस्ते को नव पुष्पों सा महकाएँ ,
तन-मन-धन मातृभूमि को हो अर्पित ,
ऐसा नव संकल्प मन में लाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर ...
भारत माँ के लिए हों सब समर्पित ,
देशहित हो सभी की आत्मा अर्पित ,
अब न हो देश में कोई भूखा, कोई अशिक्षित
,
राष्ट्र चरित्र निर्माण
में अग्रसर होते जाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर ...
खून से सींच सींच
कर ,
शहीदों ने है बगिया महकाई,
रक्षा न कर सके यदि
हम इसकी ,
लज्जित होगा पौरूष
, लज्जित तरूणाई ,
इसी पे जान देंगे
, इसी से जिंदगी पाई ,
इस गुलशन के लिए
कुछ न कुछ तो करते जाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर .......
बापू की अहिंसा , तिलक की
दृढता,
सुभाष के जोश को
मन में ले आएँ ,
नींव के पत्थर बनकर
,
देश को ऊँचा और ऊँचा उठाते जाएँ ॥
नव वर्ष के शुभागमन
पर , आइए नव युग बनाएँ ......
आपको तथा परिवार
को नव वर्ष की बहुत शुभकामनाएँ
आपका
सूरज शर्मा
उप प्रबंधक (खुदरा
विक्रय ) ,
अनुगुल विक्रय क्षेत्र ,
इण्डियन ऑयल
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