सूरज

सूरज

Friday, December 30, 2016



नव वर्ष के शुभागमन पर ,
आइए नव युग बनाएँ ,
नई सोच पर आगे चलकर ,
भारत को जग सिर मौर बनाएँ ।

कुछ सीखें हम पिछली भूलों से ,
गुलिस्ते को नव पुष्पों सा महकाएँ ,
तन-मन-धन मातृभूमि को हो अर्पित ,
ऐसा नव संकल्प मन में लाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर ...

भारत माँ के लिए हों सब समर्पित ,
देशहित हो सभी की आत्मा अर्पित ,
अब न हो देश में कोई भूखा, कोई अशिक्षित ,
राष्ट्र चरित्र निर्माण में अग्रसर होते जाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर ...

खून से सींच सींच कर ,
शहीदों ने है बगिया महकाई,                     
रक्षा न कर सके यदि हम इसकी ,
लज्जित होगा पौरूष , लज्जित तरूणाई ,
इसी पे जान देंगे , इसी से जिंदगी पाई ,
इस गुलशन के लिए कुछ न कुछ तो करते जाएँ ॥ नव वर्ष क़े शुभागमन पर .......

बापू की अहिंसा , तिलक की दृढता,
सुभाष के जोश को मन में ले आएँ ,
नींव के पत्थर बनकर ,
देश को  ऊँचा और ऊँचा उठाते जाएँ ॥
नव वर्ष के शुभागमन पर , आइए नव युग बनाएँ ......

आपको तथा परिवार को नव वर्ष की बहुत शुभकामनाएँ

आपका

सूरज शर्मा
उप प्रबंधक (खुदरा विक्रय ) , अनुगुल विक्रय क्षेत्र ,
इण्डियन ऑयल

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